महिला सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
गृह मंत्रालय ने CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) को कल यानी 12 November को पहली ऑल वुमेन बटालियन की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से महिलाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। CISF को अब अपनी पहली महिला बटालियन मिलेगी, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बटालियन में होंगी 1025 महिला जवान
इस बटालियन में 1025 महिला जवान होंगी, जो CISF के पहले से स्वीकृत 2 लाख कर्मियों में से चुनी जाएंगी। इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ कमांडेंट स्तर का अधिकारी करेगा। यह फैसला हवाई अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर बढ़ती सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए लिया गया है।
महिलाओं के लिए CISF बना पसंदीदा विकल्प
CISF महिलाओं के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन गया है, खासकर उन युवतियों के लिए जो देश की सेवा करना चाहती हैं। फिलहाल CISF में महिलाओं की संख्या 7% से अधिक है, और इस नई बटालियन के बनने से और भी अधिक महिलाएं इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित होंगी।
भर्ती, ट्रेनिंग और अन्य तैयारियां शुरू
CISF मुख्यालय ने इस नई महिला बटालियन के लिए भर्ती, ट्रेनिंग और स्थान के चयन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बटालियन को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि ये जवान वीआईपी सुरक्षा, कमांडो की भूमिका, हवाई अड्डों की सुरक्षा और दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा जैसी विभिन्न जिम्मेदारियों को कुशलता से निभा सकें।
CISF दिवस पर हुआ था प्रस्ताव
CISF के 53वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने बल में महिला बटालियन बनाने का प्रस्ताव रखा था। आज इस पर अंतिम मुहर लगने के साथ ही CISF में महिलाओं को नई पहचान और अवसर मिलेंगे।
CISF: देश की सुरक्षा का मजबूत कंधा
CISF की स्थापना और उद्देश्य
CISF (Central Industrial Security Force) की स्थापना 10 मार्च 1969 को हुई थी। इसे भारत के महत्वपूर्ण औद्योगिक, सरकारी और संरचनात्मक संस्थानों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। शुरुआत में इसका उद्देश्य केवल औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा करना था, लेकिन अब CISF की जिम्मेदारियां देशभर में फैल चुकी हैं।
कुल बटालियन और जवान
वर्तमान में CISF के पास लगभग 2 लाख जवान हैं, जो देशभर में फैले विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात हैं। CISF में कुल एक्स बटालियन (सटीक संख्या आवश्यकतानुसार डाली जा सकती है) हैं, जिनमें अब ऑल वुमेन बटालियन भी शामिल होने जा रही है।
CISF की प्रमुख जिम्मेदारियां
CISF कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाती है:
- हवाई अड्डों की सुरक्षा – CISF देश के लगभग सभी बड़े हवाई अड्डों की सुरक्षा संभालता है।
- मेट्रो रेल सुरक्षा – दिल्ली मेट्रो और अन्य शहरों की मेट्रो में CISF की तैनाती होती है।
- विपरीत परिस्थितियों में आपदा प्रबंधन – CISF आपदाओं में बचाव कार्यों में भी मदद करता है।
- सरकारी संस्थानों की सुरक्षा – CISF देश के महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों, परमाणु संस्थानों, बंदरगाहों और तेल क्षेत्रों की सुरक्षा करता है।
CISF में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
हाल ही में गृह मंत्रालय ने CISF में पहली ऑल वुमेन बटालियन की मंजूरी दी है। इसमें 1025 महिला जवानों की भर्ती की जाएगी, जो कि CISF में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस बटालियन के गठन से सुरक्षा बल में महिलाओं की भागीदारी और भी बढ़ेगी, जो अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
CISF का महत्व
आज CISF न केवल औद्योगिक सुरक्षा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह बल देश के हर नागरिक के लिए गर्व का प्रतीक है और उसकी सुरक्षा और शांति के लिए लगातार काम कर रहा है।