छत्तीसगढ़ में Sunny Leone और जॉनी सिन्स के नाम पर Mahatari Vandan Yojana में धोखाधड़ी का मामला उजागर
हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने बॉलीवुड अभिनेत्री Sunny Leone और पोर्न स्टार Johnny Sins के नाम पर सरकारी योजना Mahatari Vandan Yojana का लाभ उठाया। यह योजना विवाहित महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिसमें हर महीने ₹1,000 सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं।
फर्जी खाता खोलने का मामला
इस धोखाधड़ी में, आरोपी वीरेंद्र जोशी ने Sunny Leone के नाम पर एक बैंक खाता खोला और उनके पति के रूप में Johnny Sins का नाम दर्ज कराया। इस फर्जी खाते के माध्यम से आरोपी ने लगभग 10 महीनों तक ₹1,000 प्रति माह प्राप्त किए। यह मामला तब सामने आया जब Mahatari Vandan Yojana की वेबसाइट की जांच के दौरान अप्रत्याशित रूप से सनी लियोन का नाम लाभार्थी के रूप में दर्ज पाया गया।
जांच के बाद बस्तर जिला प्रशासन ने खाते को तुरंत फ्रीज कर दिया और आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी (FIR) दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में यह भी पाया गया कि इस फर्जी पंजीकरण के लिए ग्राम तालूर की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी के आईडी का उपयोग किया गया था। इसके चलते उन पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना है।
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राजनीतिक विवाद और योजना की खामियां
यह मामला अब राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया कि Mahatari Vandan Yojana के तहत लाभान्वित 50% लाभार्थी फर्जी हो सकते हैं। कांग्रेस नेता दीपक बैज ने योजना की सत्यापन प्रक्रिया की विफलता को उजागर करते हुए इसे सरकार की बड़ी लापरवाही बताया।
वहीं, BJP ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, जो पहले कांग्रेस के शासनकाल में उपेक्षित थीं।
Mahatari Vandan Yojana की पृष्ठभूमि
Mahatari Vandan Yojana छत्तीसगढ़ की BJP सरकार द्वारा विवाहित महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत लगभग 70 लाख महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। यह Direct Benefit Transfer (DBT) प्रणाली के माध्यम से लागू की जाती है, जिसमें राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है।
सुरक्षा और सत्यापन की जरूरत
इस घटना ने सरकारी योजनाओं में सत्यापन प्रक्रिया और डिजिटल सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर किया है। यह मामला सरकार के लिए एक चेतावनी है कि वेलफेयर स्कीम्स के लिए रजिस्ट्रेशन और लाभार्थी सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ किया जाए।
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और डेटा प्रबंधन प्रणाली की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग सरकारी लाभ उठाने के लिए किया जा सकता है। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है और भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।