ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV): बच्चों में इसके Symptoms और बचाव (Precautions)

HMPV एक श्वसन वायरस है जो विशेष रूप से बच्चों में गंभीर हो सकता है। यह वायरस ऊपरी और निचले श्वसन मार्ग को प्रभावित करता है, जिससे विभिन्न Symptoms देखने को मिलते हैं।

HMPV के Symptoms बच्चों में

1. सामान्य लक्षण:

  • खांसी: HMPV से प्रभावित बच्चों में खांसी आम है।
  • नाक बहना या नाक बंद होना: बच्चे नाक से पानी आने या नाक बंद होने की शिकायत कर सकते हैं।
  • बुखार: मध्यम से उच्च तापमान।
  • गले में दर्द: निगलने में तकलीफ।
  • थकान: बच्चे अधिक थका हुआ या चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं।
  • सिरदर्द: बड़े बच्चे इसका अनुभव कर सकते हैं।

2. गंभीर लक्षण:

  • घरघराहट: सांस लेने के दौरान एक उच्च पिच वाली सीटी की आवाज।
  • सांस लेने में कठिनाई: तेज या मुश्किल से सांस लेना।
  • निमोनिया: गंभीर मामलों में, बच्चों में निमोनिया हो सकता है।
  • ब्रोंकियोलाइटिस: छोटे बच्चों में होता है जहाँ वायरस श्वसन मार्ग को सूजन देता है।
  • अस्थमा का बढ़ना: HMPV अस्थमा को बढ़ा सकता है।

HMPV से Precautions और परहेज

1. हाइजीन का ध्यान रखें:

  • हाथ धोना: हाथों को साबुन और पानी से धोएं, खासकर खांसी, छींक या नाक साफ करने के बाद।
  • चेहरे को छूने से बचें: आँखों, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथ धो लें।

2. सामाजिक दूरी बनाए रखें:

  • संक्रमित लोगों से दूरी: यदि कोई व्यक्ति बीमार है, तो उससे दूरी बनाए रखें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें: विशेष रूप से जब मौसमी रोगों के मामले बढ़ रहे हों।

3. मास्क पहनना:

  • सार्वजनिक स्थानों पर: विशेष रूप से अस्पतालों या स्कूल जैसे स्थानों पर मास्क पहनना उपयोगी हो सकता है।

4. स्वच्छता और वातावरण:

  • सतहों को साफ रखें: जिन सतहों को अक्सर छुआ जाता है, उन्हें नियमित रूप से साफ करें।
  • हवा का प्रवाह: अच्छी हवा का प्रवाह बनाए रखें, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए।

5. स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां:

  • घर पर रहें: यदि आपका बच्चा बीमार है, तो उसे स्कूल या डेकेयर से दूर रखें।
  • स्वास्थ्य जांच: यदि Symptoms गंभीर हो जाते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

बेंगलुरु में दो HMPV मामलों की पुष्टि

सोमवार को ICMR की चल रही श्वसन रोग निगरानी के दौरान बेंगलुरु, कर्नाटक में दो HMPV (Human Metapneumovirus) मामलों की पुष्टि हुई।

पहले मामले का विवरण

पहला मामला एक तीन महीने की बच्ची का था, जिसे ब्रोंकोनिमोनिया की समस्या थी। बच्ची को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।

दूसरे मामले का विवरण

दूसरा मामला 3 जनवरी 2025 को सामने आया। यह मामला एक आठ महीने के बच्चे का था, जिसे ब्रोंकोनिमोनिया की समस्या के साथ बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह बच्चा अब स्थिर स्थिति में है और धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है।

गौरतलब है कि इन दोनों मामलों का अंतरराष्ट्रीय यात्रा से कोई संबंध नहीं है। इसका मतलब यह है कि संक्रमण स्थानीय रूप से फैला है और यह चीन में हो रही वृद्धि से जुड़ा हुआ नहीं है।


भारत में बढ़ती HMPV मामलों पर सतर्कता

चीन में हाल ही में HMPV मामलों की बढ़ोतरी के बीच भारत के स्वास्थ्य अधिकारी श्वसन रोगों को लेकर सतर्क हो गए हैं। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से कहा है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

मजबूत निगरानी व्यवस्था

ICMR और IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme) जैसे निगरानी तंत्र पहले से ही पूरे देश में श्वसन रोगों पर नजर रख रहे हैं।


HMPV पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारी और भरोसा

मंत्रालय ने बताया कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और यह पहले से ही दुनियाभर, यहां तक कि भारत में भी पाया जाता है। ICMR और IDSP के डेटा के अनुसार, भारत में ILI (Influenza-Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Illness) मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है।

मंत्रालय WHO के साथ लगातार संपर्क में है और चीन में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है। इसके अलावा, ICMR ने HMPV के प्रसार पर नजर बनाए रखने और लैब परीक्षण क्षमता बढ़ाने का भी भरोसा दिया है।


HMPV के लिए विशेष उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त आराम, तरल पदार्थ का सेवन, और आवश्यकतानुसार ओवर-द-काउंटर दवाएं दी जा सकती हैं। बच्चों की देखभाल करने वालों को इन Symptoms के बारे में जागरूक रहना चाहिए और समय पर हस्तक्षेप करना चाहिए।

इस प्रकार, HMPV के प्रति सतर्कता और Precautions बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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