I&B मंत्रालय ने iGOT प्रशिक्षण से वेतन जोड़ने का आदेश वापस लिया

iGOT प्लेटफ़ॉर्म क्या है?
iGOT (Integrated Government Online Training) भारत सरकार का एक ऑनलाइन ट्रेनिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को भविष्य के लिए तैयार करना है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर सरकारी अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकें।


विवाद की शुरुआत

18 नवंबर 2024 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने एक ऑफिस मेमोरेन्डम जारी किया, जिसमें कहा गया कि केवल उन्हीं कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाएगा, जिन्होंने iGOT प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और इसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। आदेश में यह भी कहा गया कि जिन कर्मचारियों ने यह प्रशिक्षण पूरा नहीं किया, उनका वेतन रोक दिया जाएगा।


कर्मचारियों का विरोध

इस आदेश के जारी होने के बाद, मंत्रालय के कुछ कर्मचारियों ने इस पर नाराजगी जताई। अखिल भारतीय आकाशवाणी और दूरदर्शन इंजीनियरिंग कर्मचारी संघ ने सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू को पत्र लिखकर कहा कि:

  • सैलरी रोकना असंवैधानिक है: संविधान के अनुच्छेद 300A के तहत वेतन को कर्मचारी की संपत्ति माना गया है, और इसे बिना किसी वैध कारण के रोका नहीं जा सकता।
  • कर्मचारियों को पहले iGOT प्रशिक्षण की जानकारी नहीं दी गई थी।
  • उन्होंने मंत्रालय से आदेश पर पुनर्विचार करने और इसे रद्द करने की अपील की।

मंत्रालय का स्पष्टीकरण

कर्मचारियों के विरोध के बाद, 19 नवंबर 2024 को एक संशोधित मेमोरेन्डम जारी किया गया। इसमें कहा गया कि अब वेतन को iGOT प्रशिक्षण से नहीं जोड़ा जाएगा। इसके बजाय, केवल कर्मचारियों के प्रशिक्षण की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि इस आदेश का उद्देश्य सिर्फ यह जानना था कि कितने कर्मचारियों ने iGOT पर पंजीकरण और प्रशिक्षण पूरा किया है।


iGOT और प्रधानमंत्री की पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक में iGOT प्रशिक्षण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया था कि उनके विभागों के सभी कर्मचारी iGOT Karmayogi पोर्टल पर अपना प्रशिक्षण जल्द से जल्द पूरा करें।

राष्ट्रीय लर्निंग वीक के दौरान, 18 अक्टूबर 2024 को I&B मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को चार घंटे का iGOT प्रशिक्षण पूरा करने का आदेश दिया था। यह प्रशिक्षण 19 से 25 अक्टूबर 2024 के बीच पूरा किया जाना था। इस सप्ताह के दौरान, मंत्रालय ने कर्मचारियों को संसदीय प्रक्रियाओं, टीम बिल्डिंग, जेंडर सेंसिटाइजेशन जैसे कोर्स पूरे करने के लिए प्रेरित किया।


iGOT प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की योजना

I&B मंत्रालय ने iGOT प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  1. iGOT लैब की स्थापना: कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण में मदद के लिए iGOT लैब स्थापित की गई।
  2. पुरस्कार योजना: प्रत्येक तिमाही में सबसे अधिक कोर्स पूरा करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।
  3. तीव्र ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया: मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को चार दिनों के भीतर iGOT प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होने के निर्देश दिए।

iGOT प्रशिक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?

iGOT Karmayogi प्लेटफ़ॉर्म पर दी जाने वाली ट्रेनिंग सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल युग के लिए तैयार करने, उनकी प्रशासनिक क्षमताओं को मजबूत करने और उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके जरिए कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों और कौशलों की जानकारी दी जाती है।


आगे का रास्ता

यह स्पष्ट है कि iGOT प्रशिक्षण को सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है। लेकिन वेतन रोकने जैसे आदेशों से बचने और कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए अधिक समावेशी और जागरूकता बढ़ाने वाले उपाय अपनाने की आवश्यकता है।

इस घटना ने यह भी दिखाया कि कर्मचारी अधिकारों और सरकारी नीतियों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है। iGOT जैसे प्लेटफ़ॉर्म का सही तरीके से उपयोग सरकारी तंत्र को और अधिक कुशल बना सकता है।

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