अब चार्जर के जंजाल से छुटकारा (One charger Policy) |One charger Pin for all

(One charger Policy) |One charger Pin for all |
अब चार्जर के जंजाल से छुटकारा (One charger Policy) |One charger Pin for all |

जी हाँ आप बिलकुल सही समझ रहे है , अब से आपको अपने अलग अलग मोबाइल और टेबलेट के लिए अलग अलग चार्जर लेने की जरुरत बिलकुल नही होगी क्योंकि भारत 2025 के मध्य तक समान मानक (One charger policy) लागु करेगा यानि one charger for all device. इसका मतलब है कि भारत में बिकने वाले सभी smartphone और tablet समेत सभी नए डिवाइस में चार्जिंग के कलिए एक जैसा पोर्ट होगा और यह पोर्ट USB-C होगा | सभी डिवाइस में USB-C पोर्ट होना अनिवार्य कर दिया जायेगा |

भारत में तकनीक के शौकीन और गैजेट प्रेमी, सभी एक आसान चार्जिंग अनुभव के लिए तैयार हो जाइए। यूरोपीय संघ द्वारा एक समान कॉमन चार्जर कानून पहले ही पारित कर दिया गया है और एक समान यूनिवर्सल चार्जर one universal charger हमारे देश में भी आ रहा है।

भारत एक कॉमन चार्जर कानून लागू कर रहा है, जिसका लक्ष्य स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए चार्जिंग पोर्ट को मानकीकृत करना है। यह वर्ष 2025 के मध्य तक लागू हो जाएगा, जो एक साल बाद है।

इसका मतलब है कि जून 2025 तक भारत में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन और टैबलेट समेत सभी नए डिवाइस में चार्जिंग के लिए USB-C टाइप पोर्ट होना ज़रूरी होगा। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में यह कानून स्मार्टफोन और टैबलेट पर केंद्रित होगा। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट हैं कि लैपटॉप को 2026 के अंत तक इसमें शामिल किया जा सकता है। बेसिक फीचर फोन, हियरेबल्स और वियरेबल्स को अभी छूट दी जा सकती है।

ADVANTAGES/इसके फायदे:-

  1. सुविधा – इससे उपयोगकर्ता को कई देवीकेस के लिए केवल एक ही चार्जर की जरुरत होगी, जिससे कि चार्जर को मैनेज करने और स्टोर करने की परेशानी से निजात मिलेगी |
  2. यूनिवर्सल कम्पैटिबिलिटी – USB-C जैसे मानकीकृत चार्जिंग पोर्ट के साथ, उपयोगकर्ता कम्पैटिबिलिटी समस्याओं की चिंता किए बिना स्मार्टफ़ोन और टैबलेट के विभिन्न ब्रांड और मॉडल चार्ज कर सकते हैं।
  3. ई-वेस्ट में कमी :- चार्जर को मानकीकृत करने से इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट कम करने में मदद मिलेगी |
  4. लागत बचत :- उपभोक्ताओं को अलग-अलग डिवाइस के लिए अतिरिक्त चार्जर खरीदने या खोए या टूटे हुए चार्जर को बार-बार बदलने की ज़रूरत नहीं होने से पैसे की बचत होगी ।
  5. बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव :- चार्जिंग प्रक्रिया को सरल बनाने से समग्र उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होता है। यह अलग-अलग चार्जिंग कनेक्टर से निपटने की निराशा को खत्म करता है और एक विश्वसनीय चार्जिंग समाधान सुनिश्चित करता है।

साल 2022 में, भारत सरकार ने एक नया नियम पेश किया था , जिसके तहत सभी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स को एक ही प्रकार के चार्जिंग पोर्ट का उपयोग करने का फैसला लिया गया था | यह निर्णय MAIT, FICCI और CII जैसे उद्योग समूहों के साथ बातचीत के बाद लिया गया था | जिसके  परिणामस्वरूप, भारत में स्मार्टफ़ोन, टैबलेट और नोटबुक के लिए USB टाइप-C को मानक चार्जिंग पोर्ट के रूप में चुना गया।

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