Suruchi Phogat ने Manu Bhaker को पछाड़कर जीता ISSF World Cup में स्वर्ण पदक

19 साल की उभरती हुई निशानेबाज़ Suruchi Phogat ने मंगलवार रात को ISSF World Cup में महिलाओं की 10m Air Pistol स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रच दिया। हरियाणा के झज्जर जिले के सिसरोली गांव की इस युवा निशानेबाज़ ने Manu Bhaker, जो पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीत चुकी हैं, को पीछे छोड़कर यह शानदार उपलब्धि हासिल की। Suruchi ने फाइनल में 243.6 का स्कोर बनाकर ISSF World Cup में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह जीत न केवल उनके करियर का महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि भारतीय निशानेबाज़ी के लिए भी एक नया अध्याय है।

एक के बाद एक स्वर्णिम जीत

Suruchi Phogat ने इस महीने की शुरुआत में अर्जेंटीना में आयोजित ISSF World Cup में भी स्वर्ण पदक जीता था। उस स्पर्धा में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की पदक विजेता चीन की Jiang Ranxin को हराया था। अब पेरू के लीमा में हुए ISSF World Cup में उन्होंने Manu Bhaker को कड़ी टक्कर देकर यह साबित कर दिया कि वे विश्व स्तर पर सबसे बेहतरीन निशानेबाज़ों में से एक हैं।

उनका कहना है, “मेरा मुकाबला किसी और से नहीं, बल्कि खुद से है। मैं हर बार अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश करती हूँ। ये ISSF World Cup स्वर्ण पदक तो बस शुरुआत हैं। अगर मैं अपनी प्रैक्टिस को फाइनल में उतार सकी, तो ओलंपिक स्वर्ण पदक का सपना भी हकीकत बन जाएगा।”

फाइनल में कड़ा मुकाबला

लीमा में आयोजित ISSF World Cup के फाइनल में Suruchi Phogat और Manu Bhaker दोनों ने क्वालिफाई किया था। इस फाइनल में चीन की Qianxun Yao और Yufei Meng, उरुग्वे की Julieta Jiminez, और पुर्तगाल की Filipa Marracho जैसी दिग्गज निशानेबाज़ भी शामिल थीं। Manu Bhaker ने क्वालिफिकेशन राउंड में 578 अंक हासिल कर छठा स्थान प्राप्त किया, जबकि Suruchi Phogat ने 582 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। फाइनल में Suruchi ने अपनी शानदार तकनीक और एकाग्रता का प्रदर्शन करते हुए 243.6 का स्कोर बनाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

निशानेबाज़क्वालिफिकेशन स्कोरफाइनल स्कोरपदक
Suruchi Phogat582243.6स्वर्ण
Manu Bhaker578रजत

Suruchi Phogat की प्रेरणादायक कहानी

Suruchi Phogat का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव सिसरोली में हुआ। उनकी व्हाट्सएप डिस्प्ले पिक्चर में पिछले साल की नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीते गए छह स्वर्ण पदकों के साथ नोटों की माला पहने हुए उनकी तस्वीर है। यह तस्वीर उनकी मेहनत और जुनून का प्रतीक है। उन्होंने निशानेबाज़ी की शुरुआत छोटी उम्र में की और जल्द ही अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान खींच लिया।

नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के अनुसार, Suruchi ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है। उनकी कोचिंग और मेंटल ट्रेनिंग ने उन्हें बड़े मंचों पर शांत और केंद्रित रहने में मदद की है। उनकी यह जीत भारतीय निशानेबाज़ी के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, खासकर तब जब Manu Bhaker जैसी अनुभवी निशानेबाज़ पहले से ही देश का नाम रोशन कर रही हैं।

भारतीय निशानेबाज़ी का उज्ज्वल भविष्य

Suruchi Phogat की इस जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत में निशानेबाज़ी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। Manu Bhaker, जो पेरिस ओलंपिक 2024 में दो पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ा चुकी हैं, और Suruchi Phogat जैसी युवा प्रतिभाओं के साथ भारत 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकता है।

ISSF World Cup में भारत का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में शानदार रहा है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय निशानेबाज़ों ने 2024 और 2025 में कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीते हैं। Suruchi की यह जीत इस बात का प्रमाण है कि भारत में नई प्रतिभाएँ लगातार उभर रही हैं।

क्या है ISSF World Cup?

ISSF World Cup अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज़ी महासंघ (International Shooting Sport Federation) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है। इसमें दुनिया भर के बेहतरीन निशानेबाज़ हिस्सा लेते हैं। यह टूर्नामेंट निशानेबाज़ों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने और ओलंपिक जैसे बड़े मंचों के लिए क्वालिफाई करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। 10m Air Pistol इस टूर्नामेंट की सबसे रोमांचक स्पर्धाओं में से एक है, जिसमें सटीकता और एकाग्रता की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

Suruchi Phogat का अगला लक्ष्य

Suruchi Phogat का अगला लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास को देखते हुए यह लक्ष्य असंभव नहीं लगता। उनकी इस जीत ने न केवल उनके गांव सिसरोली का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश को गर्व का मौका दिया है।

Suruchi की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने उन्हें ISSF World Cup में दो स्वर्ण पदक दिलाए हैं, और यह तो बस शुरुआत है।

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